कानपुर का इतिहास
कानपुर भारत के उत्तर प्रदेश राज्य का सबसे बड़ा शहर तथा उत्तर भारत का एक प्रमुख औद्योगिक केंद्र है। यह शहर इसके रासायनिक (उर्वरक एवम् अपमार्जक द्रव्य), कपड़ा और चमड़े के उद्योगों के लिए जाना जाता है। आज़ादी से पहले के काल में यह एक महत्वपूर्ण ब्रितानी गैरिसन था।
ऐतिहासिक, सांस्कृतिक, धार्मिक, पौराणिक और औद्योगिक स्वरूपों का एक ऐसा संगम जो शायद ही देश के किसी अन्य कोने में परिलक्षित होता हो l
आज अगर हम कानपुर के इतिहास के बारे में जाने तो हम अत्यंत गर्व के साथ कह सकते हैं कि हमने देश की स्वतंत्रता दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है जिसमें क्रांति स्थल के रूप में बिठूर पूरे देश में सर्वोच्च स्थान पर काबिज हैl
ब्रिटिश कालीन इतिहास एवं स्वतंत्रता आंदोलन के महत्वपूर्ण स्थलों में मैसीकर घाट ,गोरा कब्रिस्तान, फूल बाग, कानपुर मेमोरियल चर्च अपने को स्थापित किए हुए हैं l
इसी प्रकार इतिहास को संजोने के साथ-साथ पौराणिक मान्यताओं के आधार पर ब्रह्म खूंटी, सीता रसोई, ध्रुव टीला, बाल्मीकि आश्रम ,लव कुश जन्म स्थली ऐसी स्थल है जो धार्मिक दृष्टि से कानपुर को सर्वोच्च स्थान पर रखने में सक्षम हैl
गुप्तकालीन मंदिर भीतरगांव, निबिया खेड़ा, बेहटा बुजुर्ग स्थापत्य कला का बेजोड़ नमूना है l
राजा ययाति का किला पुरातत्व संस्थान द्वारा संरक्षित किला है उसका कानपुर के इतिहास में एक महत्वपूर्ण स्थान हैl
कानपुर के घाट ब्रह्मावर्त घाट, पत्थर घाट, सरसैया घाट, मेसीकर घाट, अटल घाट के साथ-साथ जेके मंदिर, पनकी हनुमान मंदिर, इस्कॉन मंदिर इत्यादि अपने शहर कानपुर को धार्मिक आस्था प्रदान करते हैं l
सांस्कृतिक दृष्टि से कानपुर की गंगा होली, रामलीला एवं नौटंकी विधा पूरे देश में एक अलग स्थान रखती है l